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Kisan Mahapanchayat Delhi Stay: दिल्ली के रामलीला मैदान में गुरुवार (14 मार्च) को ‘किसान मजदूर महापंचायत’ बुलाई गई है. इसकी अगुवाई संयुक्त किसान मोर्च (SKM) कर रहा है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एसकेएम ने मंगलवार (12 मार्च) को अपने एक बयान में कहा था कि दिल्ली पुलिस ने 14 मार्च को रामलीला मैदान में महापंचायत का आयोजन करने और अन्य बुनियादी सविधाओं की व्यवस्था से संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दे दिया है.
अधिकारियों ने बुधवार (13 मार्च) को बताया कि दिल्ली पुलिस ने शर्तों के साथ रामलीला मैदान में किसान मजदूर महापंचायत की अनुमति दी है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, किसानों को पांच हजार से ज्यादा संख्या में एकत्र नहीं होने के लिए कहा गया है. किसानों को ट्रैक्टर नहीं लाने के लिए भी पुलिस की ओर से कहा गया है. पुलिस ने यह भी कहा है कि रामलीला मैदान में कोई मार्च न निकाला जाए.
किसान मजदूर महापंचायत के कारण पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की है, साथ ही आशंका व्यक्त की है कि गुरुवार को दिल्ली में भारी ट्रैफिक जाम हो सकता है. पुलिस ने सेंट्रल दिल्ली की ओर जाने वाली सड़कों से आवाजाही करने से बचने के लिए लोगों को सलाह दी है. किसानों की महापंचायत के कार्यक्रम को देखते हुए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा है कि किसान मजदूर महापंचायत में सरकार की नीतियों के खिलाफ लड़ाई तेज करने के लिए प्रस्ताव पारित किया जाएगा.
पुलिस उपायुक्त (मध्य) एम. हर्षवर्धन ने कहा कि किसानों को अधिकतम 5,000 लोगों के साथ महापंचायत आयोजित करने की अनुमति दी गई है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि किसानों को दोपहर 2.30 बजे के बाद अपना कार्यक्रम समाप्त होने के तुरंत बाद मैदान खाली करने के लिए कहा गया है. पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि अगर प्रदर्शनकारी वादे का पालन नहीं करते हैं और दिल्ली में कानून-व्यवस्था भंग करने में शामिल होते हैं तो सख्त कार्रवाई की जा सकती है.
बता दें कि सैंकड़ों किसान दिल्ली कूच करने को लेकर बीते एक महीने से पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. दिल्ली की तीन सीमाओं सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए भारी संख्या में अर्धसैनिक बल तैनात हैं.
किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी दिए जाने और स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशों को लागू किए जाने समेत अन्य मांगें कर रहे हैं. 18 फरवरी को किसानों के साथ बैठक में सरकार ने पांच फसलों पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) देने का प्रस्ताव रखा था, वहीं, किसानों ने 23 फसलों पर एमएसपी की मांग की है. किसानों का यह प्रदर्शन ऐसे समय हो रहा है जब लोकसभा चुनाव 2024 करीब है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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